Category: Breakupeye

केदारनाथ के घोड़े

केदारनाथ के घोड़े!रोटी को तेरीमैने अपने पैर तोड़े है,जी हाँ, हम केदारनाथ के घोड़े है,ऊँची है चढ़ाईतीखी तीखी मोडे ‌‌ है,जी हाँ,हम केदारनाथ के घोड़े है,चड़ते उतरते चट्टानों नेहमारे पैर मोडे है,जी हाँ, हम केदारनाथ के घोड़े है,कभी...

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पहाड़ बिहार एक प्रेम कथा

  मैं मिथिला की मधुर मिठास , तुम गढ़वाल की गूंजती गान प्रिय। मैं गंगा की धारा बहता, तुम हिमालय की शान प्रिय। मैं मैदानों का राजा हूं, तुम पहाड़ो की प्राण प्रिय!   मैं छठ के गीतों की गूंज, तुम जागर की पुरानी संगीत...

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काश मैं लिख पाता!

काश मैं लिख पाता क्या है कहानी,काश तुम समझ पाती, जो मैंने कभी कहा ही नहीं।हर शब्द जो होंठों पर ठिठक गया,  हर भावना जो आँखों में सिमट गया।  साँसों की सरगम में उलझे जो बोल,  दिल की हलचल में छुपे अनगिनत मोड़।  समझने की कोशिश में...

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बुरांश का फूल .

चुरा कर लाया हूँ इसे परियों के शहर से,पहाड़ों की डगर से, ख्वाबों की महक से।यह वो नगीना है, जो नसीबों में भी नहीं,दिखाई देता है, पर किसी की नजर में नहीं।यह अनमोल है, पर हाथों की लकीरों से परे है,कोई चाहता है इसे, तो कोई देखे चुप...

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बादल

वाह बादल तूने क्या काम किया है,,,बेवजह मुझे परेशान किया है,,फैला कर अपनी जुल्फें,,,दोपहर को ही शाम किया...

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समान नागरिक संहिता (संस्कृति की रंगत)

संस्कृति की रंगत, परंपरा का मान,क्या एक कागज़ में बाँधोगे पहचान?हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,हर दिल की अपनी एक परछाई। संस्कृति की जड़ें, आस्था का आधार,  काट देगा क्या ये सब, एक कैंची का वार?   रीति-रिवाजों की...

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जय भीम जय भारत बाबा साहब अंबेडकर जयंती 2025

जो गूंगे थे सदियों से, तूने उन्हें बोलना सिखाया।मंदिरों से जो निकाले गए, तूने उन्हें संसद में बैठाया,हर आँख में सपना और हर दिल में तूने अधिकार लेखा था।शोषण की उस भीड़ में, तूने इंसान देखा था, …न जात-पात की रेखाएँ, न...

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कौन कहता है आसमां ज़मीं से मिलते नहीं.

कौन कहता है आसमां ज़मीं से मिलते नहीं,चलो कहीं दूर, किसी मोड़ पर चल के देखें।चंद ख्वाब आँखों में,कुछ हौसले साथ हों,राहों में रोशनी हो,नज़ारे भी ख़ास हों।हवा से कहेंगे,ज़रा रुख बदल के चले,बादलों से कहेंगे,ज़मीं पर पिघल के...

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