केदारनाथ के घोड़े!
रोटी को तेरी
मैने अपने पैर तोड़े है,
जी हाँ, हम केदारनाथ के घोड़े है,
ऊँची है चढ़ाई
तीखी तीखी मोडे ‌‌ है,
जी हाँ,हम केदारनाथ के घोड़े है,
चड़ते उतरते चट्टानों ने
हमारे पैर मोडे है,
जी हाँ, हम केदारनाथ के घोड़े है,
कभी खिलाता चने हमको
कभी तु भूखा छोड़े है
जी हाँ, हम केदारनाथ के घोड़े है,
दया तो कर हम पर
क्यु तू मुझको तोड़े है
जी हा, हम केदारनाथ के घोड़े है!

जा रहा हरि दर्शन को, मेरा दर्द समझा नहीं
क्या तु भी मेरा अपना नहीं!

Dev Kumar

Sirsaganj Uttar Pradesh

7310954587