आज फिर से एक शाम गुजर गया
आज फिर से एक शाम गुजर गया,उदास रंगों में घुला सवेरा था।हवा ने कुछ किस्से कहे,पर दिल ने उन्हें अकेले ही सहे। राहों में बिखरी यादें पुरानी,धुंधले सपनों की कुछ कहानी।चांदनी ने आंसू समेटे,तारों ने फिर भी हंसकर देखे। इस शाम का क्या...
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